करवा चौथ 2025 की तारीख 9 या 10 अक्टूबर
इस साल 2025 करवा चौथ की चतुर्थी तिथि दो दिन यानी 9 अक्टूबर और 10 अक्टूबर को पड़ रही है। इसी कारण से करवा चौथ की तिथि पर कंफ्यूजन बना हुआ है कि करवा चौथ का व्रत किस तिथि में रखना ज्यादा सही रहेगा। करवा चौथ व्रत के लिए चंद्रोदय व्यापनी चतुर्थी महत्वपूर्ण होती है। कुछ व्रतों के लिए सूर्योदय व्यापनी तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन करवा चौथ के व्रत में रात को चंद्रमा उदय होने पर चंद्रमा को अर्घ देकर ही व्रत पूर्ण माना जाता है। तो आइए जानते हैं करवा चौथ की सही तिथि क्या है और करवा चौथ के दिन

करवा चौथ 2025 की तारीख 9 या 10 अक्टूबर
2025 का करवा चौथ कब है
अनुसार, करवा चौथ का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। सुबह स्नान करने के बाद महिलाएं व्रत का संकल्प लेती हैं और सरगी ग्रहण करती हैं। इसके बाद दिनभर बिना अन्न-जल ग्रहण किए व्रत का पालन किया जाता है। पूजा के समय करवा माता की पूजा और व्रत कथा का पाठ किया जाता है।रात में चांद के दर्शन और अर्घ्य देने के बाद महिलाएं अपने पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं। इस वर्ष चतुर्थी तिथि दो दिनों तक रहने के कारण करवा चौथ की सही तिथि को लेकर कुछ भ्रम है। आइए जानें—करवा चौथ 2025 की तारीख 9 या 10 अक्टूबर की सटीक तिथि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय।

करवा चौथ 2025 की तारीख 9 या 10 अक्टूबर
हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। सुबह स्नान करने के बाद महिलाएं व्रत का संकल्प लेती हैं और सरगी ग्रहण करती हैं। इसके बाद दिनभर बिना अन्न-जल ग्रहण किए व्रत का पालन किया जाता है। पूजा के समय करवा माता की पूजा और व्रत कथा का पाठ किया जाता है।
रात में चांद के दर्शन और अर्घ्य देने के बाद महिलाएं अपने पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं। इस वर्ष चतुर्थी तिथि दो दिनों तक रहने के कारण करवा चौथ की सही तिथि को लेकर कुछ भ्रम है। आइए जानें—करवा चौथ 2025 की सटीक तिथि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय।
साल 2025 करवा चौथ चतुर्थी तिथि प्रारंभ 9 अक्टूबर गुरुवार रात्रि 10:55 से चतुर्थी तिथि समाप्त 10 अक्टूबर शुक्रवार शाम 7:38 बजे तक
इस बार चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर गुरुवार को रात 10:55 से प्रारंभ हो रही है। जिसका समापन अगले दिन 10 अक्टूबर शुक्रवार को शाम 7:38 पर होगा। अब ऐसे में देखा जाए तो 9 अक्टूबर गुरुवार को रात चंद्रोदय के समय चतुर्थी तिथि विद्यमान रहेगी। लेकिन 10 अक्टूबर शुक्रवार को चंद्रोदय के समय तक चतुर्थी तिथि समाप्त हो चुकी होगी। अगर देखा जाए तो 9 अक्टूबर को चतुर्थी तिथि चंद्रोदय के भी बहुत देर बाद से लग रही है और रात 10:00 बजे से चतुर्थी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। तो इस समय से जब तिथि लगती है तो वह तिथि व्रत के लिए मान्य नहीं मानी
10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 4:49 से 5:37 तक अमृत काल दोपहर 3:21 से 4:47 तक कृतिका नक्षत्र शाम 5:31 से 12:00 तक रोहिणी नक्षत्र सिद्धि योग शाम 5:41 से 1:42 तक /राहुकाल प्रातः 10:30 से 12:00 तक
अमृतकाल दोपहर 3:21 से 4:47 तक रहेगा। कृतिका नक्षत्र शाम 5:31 तक और बाद में रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। इस दिन सिद्धि योग बन रहा है जो कि शाम 5:41 तक रहेगा। वहीं राहु काल जो कि अशुभ मुहूर्त माना जाता है। सुबह 10:30 से दोपहर 12:00 बजे तक रहेगा। करवा चौथ में शाम के समय मुख्य पूजा की जाती है|
करवा चौथ 2025 अक्टूबर शुभ मुहूर्त शाम 5:57 से 7:38 तक रहेगा।
शुभ मुहूर्त शाम 5:57 से 7:38 तक रहेगा। इस समय में आप चंद्र देवता को अर्घ देने की तैयारी करके रखें और करवा चौथ के व्रत की कथा या जो भी अन्य पूजा पाठ है वह इस समय तक आप संपन्न कर सकते हैं। फिर चंद्रमा उदय होने पर केवल
करवा चौथ 2025 की तारीख 9 या 10 अक्टूबर
करवा चौथ 2025 अक्टूबर चंद्रोदय का समय रात 8:33 pm
चंद्रमा को अर्घ देकर चंद्रमा की धूप दीप दिखाकर आरती उतार के फिर पति का चेहरा चलने से देखकर और पति के हाथों से जल पीकर व्रत खोला जाता है। 10 अक्टूबर को चंद्रोदय का समय होगा रात 8:33 पर। तो इस समय के बाद से आप कभी भी अपना उपवास खोल सकती हैं। चंद्रोदय के समय में कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है। कुछ जगह पर 5 6 मिनट पहले या पांच छ मिनट के अंतराल पर चंद्रोदय हो सकता है। तो आप अपने-अपने स्थान के अनुसार चंद्रोदय के समय का पता लगा लें। अगर आसमान में बादल हो, बारिश हो रही हो, चंद्रमा ना दिखाई दें, तो कुछ देर प्रतीक्षा करें। फिर भी

करवा चौथ 2025 की तारीख 9 या 10 अक्टूबर
ना दिखाई दे तो आप चंद्रमा की आकृति बनाकर या चंद्रमा चांदी के हो तो उनका पूजन करके भी अपना उपवास खोल सकती हैं। इसके अलावा भगवान शिव के मस्तक पर विराजित अर्धचंद्र का भी पूजन करके आप अपना उपवास खोल सकती हैं। यह थी आज की वीडियो। कमेंट करके जरूर बताइएगा कि आप किस दिन उपवास रख रही हैं।